बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 इतिहास - भारत में राष्ट्रवाद बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 इतिहास - भारत में राष्ट्रवादसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 इतिहास - भारत में राष्ट्रवाद - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान उत्पन्न हुए होमरूल आन्दोलन पर प्रकाश डालिए। इसकी क्या उपलब्धियाँ रहीं?
अथवा
होमरूल आन्दोलन पर एक निबन्ध लिखिए।
उत्तर -
प्रथम विश्वयुद्ध से उत्पन्न परिस्थितियों की एक अन्य कम नाटकीय एवं अधिक प्रभावशाली प्रतिक्रिया हुई ऐनी बेसेन्ट एवं लोकमान्य तिलक का होमरूल लीग। होमरूल लीग आन्दोलन, प्रथम विश्वयुद्ध के पश्चात् उत्पन्न हुई परिस्थितियों में भारतीयों की कम प्रभावशाली प्रतिक्रिया के रूप में सामने आया, किन्तु स्वतन्त्रता आन्दोलन की प्रक्रिया में इसने अपनी महत्वपूर्ण छाप छोड़ी। यद्यपि यह आन्दोलन स्थिरता के साथ प्रारम्भ हुआ था लेकिन आगे चलकर इसने तत्कालीन सभी आन्दोलनों को पीछे छोड़ दिया।
भारतीय होमरूल लीग का गठन आयरलैण्ड के होमरूल लीग के नमूने पर किया गया था, जो तत्कालीन परिस्थितियों में तेजी से उभरती हुई प्रतिक्रियात्मक राजनीति के नये स्वरूप का प्रतिनिधित्व करता था। ऐनी बेसेन्ट और तिलक इस नये स्वरूप के अगुवा थे।
आन्दोलन प्रारम्भ होने के उत्तरदायी कारक - ये निम्नलिखित थे-
(1) राष्ट्रवादियों के एक वर्ग का मानना था कि सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए उस पर दबाव डालना आवश्यक है।
(2) मार्ले-मिण्टो सुधारों का वास्तविक स्वरूप सामने आने पर नरमपंथियों का भ्रम सरकार की निष्ठा से टूट गया था।
(3) प्रथम विश्वयुद्ध में ब्रिटेन द्वारा भारतीय संसाधनों का खुलकर प्रयोग किया गया। इस क्षतिपूर्ति के लिए युद्ध के उपरान्त भारतीयों पर भारी कर आरोपित किये गये तथा आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छूने लगीं। इन कारणों से भारतीय त्रस्त हो गये तथा वे ऐसे किसी भी सरकार विरोधी आन्दोलन में भाग लेने हेतु तत्पर थे।
(4) प्रथम विश्वयुद्ध के पश्चात् श्वेतों की अजेयता का भी भ्रम टूट गया था।
तिलक एवं ऐनीबेसेन्ट दोनों की होमरूल लीग ने यह महसूस किया कि आन्दोलन की सफलता के लिए उदारवादियों के नेतृत्व वाली कांग्रेस के साथ ही अतिवादी राष्ट्रवादियों का भी समर्थन आवश्यक है। 1914 में नरमपंथियों एवं अतिवादियों के मध्य समझौता प्रयासों के असफल हो जाने के पश्चात् तिलक एवं ऐनीबेसेन्ट दोनों ने स्वयं के प्रयासों से राजनीतिक गतिविधियों को जीवंत करने का निश्चय किया।
1915 के प्रारम्भ में ऐनीबेसेन्ट ने भारत एवं अन्य उपनिवेशों में स्वशासन की स्थापना हेतु अभियान प्रारम्भ कर दिया। उन्होंने जनसभाएँ आयोजित की तथा न्यू इण्डिया एवं कामनवील नामक पत्र का प्रकाशन प्रारम्भ किया। इन पत्रों के माध्यम से उन्होंने अंग्रेज सरकार के सम्मुख भारत में स्वशासन की स्थापना की माँग को दृढ़ता के साथ उठाया। 1915 के कांग्रेस अधिवेशन में तिलक एवं ऐनी के प्रयासों से उग्रवादियों को पुनः कांग्रेस में सम्मिलित किये जाने का निर्णय लिया गया।
बाल गंगाधर तिलक एवं ऐनीबेसेन्ट ने किसी प्रकार के आपसी टकराव की संभावना को दूर
करने के लिए पृथक-पृथक लीग स्थापित करने का निर्णय लिया।
बालगंगाधर तिलक ने होमरूल लीग की स्थापना अप्रैल 1916 में की। इसकी शाखाएँ महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रांत एवं बरार में खोली गयीं। इसे छः शाखाओं में संगठित किया गया।
ऐनीबेसेन्ट ने सितम्बर 1916 में मद्रास में होमरूल लीग की स्थापना की घोषणा की। मद्रास के अतिरिक्त पूरे भारत में इसकी शाखाएँ खोली गयीं। जार्ज अरुण्डेल को लीग का संगठन सचिव नियुक्त किया गया।
होमरूल आन्दोलन का मुख्य उद्देश्य भारतीय जनमानस को 'होमरूल' अर्थात् स्वशासन के वास्तविक अर्थ से परिचित करना था। इसने भारतीयों को राजनीतिक रूप से जागृत करने के पिछले सभी आन्दोलनों को पीछे छोड़ दिया। सरकार ने लीग के समर्थकों पर कड़ी कार्यवाही की तथा लीग के कार्यक्रमों को रोकने के लिए दमन का सहारा लिया। तिलक के विरुद्ध आन्दोलनकारी और संगठित हो गये। कई अन्य राष्ट्रवादी इसमें शामिल हो गये। तिलक ने घोषणा की कि यदि ऐनीबेसेन्ट को रिहा नहीं किया गया, तो भारतीय जनता सरकार के विरुद्ध सत्याग्रह करेगी। 20 अगस्त 1917 को भारत सचिव माण्टेंग्यू के माध्यम से ब्रिटिश सरकार ने घोषणा की कि युद्ध के बाद भारत में स्वायत्त संस्थाओं के क्रमिक विकास की प्रक्रिया प्रारम्भ की जायेगी। सरकार ने सितम्बर 1917 में ऐनीबेसेन्ट को जेल से रिहा कर दिया। इसके पश्चात् होमरूल लीग आन्दोलन स्थगित हो गया।
उपलब्धियाँ - होमरूल लीग आन्दोलन की अनेक उपलब्धियाँ भी रहीं। जो इस प्रकार हैं-
(1) आन्दोलन ने केवल शिक्षित वर्ग के स्थान पर जनसामान्य की महत्ता को प्रतिपादित किया तथा सुधारवादियों द्वारा तय किये गये स्वतन्त्रता आन्दोलन की मानचित्रावली को स्थायी तौर पर परिवर्तित कर दिया।
(2) इसने देश एवं शहरों के मध्य सांगठनिक सम्पर्क स्थापित किया। आन्दोलन की यह उपलब्धि बाद के वर्षों में अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हुई विशेषकर भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के चरमोत्कर्ष में देश के हर शहर ने सक्रिय भूमिका निभाई। जो इस आन्दोलन के सांगठनिक स्वरूप की देन ही थी।
(3) आन्दोलन ने जुझारू राष्ट्रवादियों की एक नई पीढ़ी को जन्म दिया।
(4) उसने भारतीय जनसमुदाय को राजनीति के गाँधीवादी आदर्शों के प्रयोग हेतु प्रशिक्षित किया।
(5) अगस्त 1917 में माण्टेग्यू की घोषणाएँ तथा माण्टफोर्ड सुधार काफी हद तक होमरूल लीग आन्दोलन से प्रभावित थे।
(6) तिलक एवं ऐनीबेसेन्ट के प्रयासों से कांग्रेस के लखनऊ अधिवेशन (1916) में नरमदल एवं गरमदल के राष्ट्रवादियों के मध्य समझौता होते में अत्यन्त सहायता मिली। लीग के नेताओं का यह आन्दोलन योगदान राष्ट्रीय आन्दोलन की प्रक्रिया में मील का पत्थर था।
(7) होमरूल लीग आन्दोलन ने भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन को एक नई दिशा व नया आयाम प्रदान किया।
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- प्रश्न- 1857 के विद्रोह के कारणों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- 1857 के विद्रोह के स्वरूप पर एक निबन्ध लिखिए। उनके परिणाम क्या रहे?
- प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति के प्रभावों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह का दमन करने में अंग्रेज किस प्रकार सफल हुए, वर्णन कीजिये?
- प्रश्न- सन् 1857 ई० की क्रान्ति के परिणामों की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- 1857 ई० के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की प्रमुख घटनाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 1857 के विद्रोह की असफलता के क्या कारण थे?
- प्रश्न- 1857 के विद्रोह में प्रशासनिक और आर्थिक कारण कहाँ तक उत्तरदायी थे? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- 1857 ई० के विद्रोह के राजनीतिक एवं सामाजिक कारणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 1857 के विद्रोह ने राष्ट्रीय एकता को किस प्रकार पुष्ट किया?
- प्रश्न- बंगाल में 1857 की क्रान्ति की प्रकृति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 1857 के विद्रोह के लिए लार्ड डलहौजी कहां तक उत्तरदायी था? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह के राजनीतिक कारण बताइये।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति के किन्हीं तीन आर्थिक कारणों का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति में तात्याटोपे के योगदान का विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. के महान विद्रोह में जमींदारों की भूमिका का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह के यथार्थ स्वरूप को संक्षिप्त में बताइये।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. के झाँसी के विद्रोह का अंग्रेजों ने किस प्रकार दमन किया, वर्णन कीजिये?
- प्रश्न- सन् 1857 ई. के विप्लव में नाना साहब की भूमिका का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- प्रथम स्वाधीनता संग्राम के परिणामों एवं महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रवाद के प्रारम्भिक चरण में जनजातीय विद्रोहों की भूमिका का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- भारत में मध्यम वर्ग के उदय के कारणों पर प्रकाश डालिए। भारतीय राष्ट्रवाद के प्रसार में मध्यम वर्ग की क्या भूमिका रही?
- प्रश्न- भारत में कांग्रेस के पूर्ववर्ती संगठनों व इसके कार्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारत में क्रान्तिकारी राष्ट्रवाद के उदय में 'बंगाल विभाजन' की घटना का क्या योगदान रहा? भारत में क्रान्तिकारी आन्दोलन के प्रारम्भिक इतिहास का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदय की परिस्थितियों पर प्रकाश डालते हुए कांग्रेस की स्थापना के उद्देश्यों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के प्रारम्भिक वर्षों में कांग्रेस की नीतियाँ क्या थी? सविस्तार उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उग्रपंथियों के उदय के क्या कारण थे?
- प्रश्न- उग्रपंथियों द्वारा किन साधनों को अपनाया गया? सविस्तार समझाइए।
- प्रश्न- भारत में मध्यमवर्गीय चेतना के अग्रदूतों में किन महापुरुषों को माना जाता है? इनका भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन व राष्ट्रवाद में क्या योगदान रहा?
- प्रश्न- गदर पार्टी आन्दोलन (1915 ई.) पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में कांग्रेस के द्वारा घोषित किये गये उद्देश्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कांग्रेस सच्चे अर्थों में राष्ट्रीयता का प्रतिनिधित्व करती थी, स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- जनजातियों में ब्रिटिश शासन के प्रति असन्तोष का सर्वप्रमुख कारण क्या था?
- प्रश्न- महात्मा गाँधी के प्रमुख विचारों पर प्रकाश डालते हुए उनके भारतीय राजनीति में पदार्पण को 'चम्पारण सत्याग्रह' के विशेष सन्दर्भ में उल्लिखित कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय आन्दोलन में महात्मा गाँधी की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- असहयोग आन्दोलन के प्रारम्भ होने प्रमुख कारणों की सविस्तार विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- 'सविनय अवज्ञा आन्दोलन का प्रारम्भ कब और किस प्रकार हुआ? सविनय अवज्ञा आन्दोलन के कार्यक्रम पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'भारत छोड़ो आन्दोलन' के प्रारम्भ होने के प्रमुख कारणों की सविस्तार विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय आन्दोलन में टैगोर की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- राष्ट्र एवं राष्ट्रवाद पर टैगोर तथा गाँधी जी के विचारों की तुलना कीजिए।
- प्रश्न- 1885 से 1905 के की भारतीय राष्ट्रवाद के विकास का पुनरावलोकन कीजिए।
- प्रश्न- महात्मा गाँधी द्वारा 'खिलाफत' जैसे धार्मिक आन्दोलन का समर्थन किन आधारों पर किया गया था?
- प्रश्न- 'बारडोली सत्याग्रह' पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- गाँधी-इरविन समझौता (1931 ई.) पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'खेड़ा सत्याग्रह' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदारपंथी चरण के विषय में बताते हुए उदारवादियों की प्रमुख नीतियों का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदारपंथी चरण की सफलताओं एवं असफलताओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उग्रपंथियों के उदय के क्या कारण थे?
- प्रश्न- उग्रपंथियों द्वारा पूर्ण स्वराज्य के लिए किन साधनों को अपनाया गया? सविस्तार समझाइए।
- प्रश्न- उग्रवादी तथा उदारवादी विचारधारा में अंतर बताइए।
- प्रश्न- बाल -गंगाधर तिलक के स्वराज और राज्य संबंधी विचारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रारम्भ में कांग्रेस के क्या उद्देश्य थे? इसकी प्रारम्भिक नीति को उदारवादी नीति क्यों कहा जाता है? इसका परित्याग करके उग्र राष्ट्रवाद की नीति क्यों अपनायी गयी?
- प्रश्न- उदारवादी युग में कांग्रेस के प्रति सरकार का दृष्टिकोण क्या था?
- प्रश्न- भारत में लॉर्ड कर्जन की प्रतिक्रियावादी नीतियों ने किस प्रकार उग्रपंथी आन्दोलन के उदय व विकास को प्रेरित किया?
- प्रश्न- उदारवादियों की सीमाएँ एवं दुर्बलताएँ संक्षेप में लिखिए।
- प्रश्न- उग्रवादी आन्दोलन का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के 'नरमपन्थियों' और 'गरमपन्थियों' में अन्तर लिखिए।
- प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन पर विस्तृत विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- कांग्रेस के सूरत विभाजन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अखिल भारतीय काँग्रेस (1907 ई.) में 'सूरत की फूट' के कारणों एवं परिस्थितियों का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- कांग्रेस में 'सूरत फूट' की घटना पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- कांग्रेस की स्थापना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्वदेशी विचार के विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन के महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्वराज्य पार्टी की स्थापना किन कारणों से हुई?
- प्रश्न- स्वराज्य पार्टी के पतन के प्रमुख कारणों को बताइए।
- प्रश्न- कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में कांग्रेस के द्वारा घोषित किये गये उद्देश्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कांग्रेस सच्चे अर्थों में राष्ट्रीयता का प्रतिनिधित्व करती थी, स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- दाण्डी यात्रा का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- मुस्लिम लीग की स्थापना एवं नीतियों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मुस्लिम लीग साम्प्रदायिकता फैलाने के लिए कहाँ तक उत्तरदायी थी? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- साम्प्रदायिक राजनीति के उत्पत्ति में ब्रिट्रिश एवं मुस्लिम लीग की भूमिका की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना द्वारा मुस्लिम लीग को किस प्रकार संगठित किया गया?
- प्रश्न- लाहौर प्रस्ताव' क्या था? भारत के विभाजन में इसकी क्या भूमिका रही?
- प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना ने किस प्रकार भारत विभाजन की पृष्ठभूमि तैयार की?
- प्रश्न- मुस्लिम लीग के उद्देश्य बताइये। इसका भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम पर क्या प्रभाव पड़ा?
- प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना के राजनीतिक विचारों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- मुस्लिम लीग तथा हिन्दू महासभा जैसे राजनैतिक दलों ने खिलाफत आन्दोलन का विरोध क्यों किया था?
- प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध के क्या कारण थे?
- प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध के क्या परिणाम हुए?
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन पर प्रथम विश्व युद्ध का क्या प्रभाव पड़ा, संक्षेप में व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान उत्पन्न हुए होमरूल आन्दोलन पर प्रकाश डालिए। इसकी क्या उपलब्धियाँ रहीं?
- प्रश्न- गाँधी जी ने असहयोग आन्दोलन क्यों प्रारम्भ किया? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- लखनऊ समझौते के विषय में आप क्या जानते हैं? विस्तृत विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध का उत्तरदायित्व किस देश का था?
- प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध में रोमानिया का क्या योगदान था?
- प्रश्न- 'लखनऊ समझौता, पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'रॉलेक्ट एक्ट' पर संक्षित टिपणी कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय जागृति के क्या कारण थे?
- प्रश्न- होमरूल आन्दोलन पर संक्षित टिपणी दीजिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रवादी और प्रथम विश्वयुद्ध पर संक्षित टिपणी लिखिए।
- प्रश्न- अमेरिका के प्रथम विश्व युद्ध में शामिल होने के कारणों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध के बाद की गई किसी एक शान्ति सन्धि का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध का पराजित होने वाले देशों पर क्या प्रभाव पड़ा?
- प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध का उत्तरदायित्व किस देश का था? संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गदर पार्टी आन्दोलन (1915 ई.) पर संक्षित प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 1919 का रौलट अधिनियम क्या था?
- प्रश्न- असहयोग आन्दोलन के सिद्धान्त, कार्यक्रमों का संक्षित वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- श्रीमती ऐनी बेसेन्ट के कार्यों का मूल्यांकन व महत्व समझाइये |
- प्रश्न- थियोसोफिकल सोसायटी का उद्देश्य बताइये।